जालोर। जालोर, बाड़मेर और पाली जिले के लिए महत्वपूर्ण एनएच-325 को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितीन गडक़री की मौजूदगी में हुई बैठक में वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। यह प्रोजेक्ट जिले का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और इसकी घोषणा के बाद से ही विभाग और जिलेवासी इसके लिए वित्तीय स्वीकृति का इंतजार कर रहे थे। प्रोजेक्ट की सेंशन में देरी को लेकर नेशनल हाइवे ऑथोरिटी के अधिकारी नई दिल्ली में 21 दिसंबर को मंत्री से मिले, जिस पर उन्होंने सेंशन जारी कर दी है। स्वीकृति के साथ ही विभाग ने भी टेंडर प्रोसेस शुरू कर दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही 136 किमी प्रोजेक्ट अपग्रेड हो जाएगा।
चार पैकेज में से 2 पर एप्रूवल [@ छात्रा के साथ बलात्कार फिर मर्डर, लड़के ने भी लगाई फांसी]
नेशनल हाइवे ऑथोरिटी की ओर से प्रोजेक्ट भारत सरकार की ओर से फाइनेंस कमेटी को पेश किया गया। जिस पर उन्होंने पैकेज 2 और 3 पर फाइनेंशियल एप्रूवल मिल गई है। पैकेज-1 सिवाना फांटा से मोकलसर है। इसकी लंबाई 31.25 किमी है और इसकी प्रोजेक्ट 156.43 करोड़ है। इसी तरह पैकेज-2 मोकलसर-जालोर है। इसकी लंबाई 24.71 किमी है और प्रोजेक्ट कोस्ट 182.90 करोड़ रुपए है। पैकेज-3 आहोर- सांडेराव है। इसकी लंबाई 34.425 किमी है। इसकी प्रोजेक्ट कोस्ट 166.88 करोड़ रुपए है। इसी तरह पैकेज-4 सभी बाइपास है। इसकी लंबाई 46.02 किमी है। इसकी कोस्ट 447.51 करोड़ रुपए है। इसमें ब्रह्मधाम, मोकलसर, बिशनगगढ़, जालोर, आहोर में बाइपास के लिए भूमि अवाप्ति बाकी है। प्रोजेक्ट के तहत तखतगढ़ में फ्लाईओवर ब्रिज भी बनेगा।
24 माह में होगा काम पूरा
विभागीय अधिकारी मंत्रालय से नेशनल हाइवे से स्वीकृति के बाद खुश नजर आ रहे है। साथ ही प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए मार्च में टेंडर अवार्ड कर दिया जाएगा, जिसके बाद काम भी शुरू हो जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट का काम लगभग 24 माह में पूरा हो जाएगा।
900 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार की ओर से पूर्व घोषणा के अनुसार इस नेशनल हाइवे का गजट नोटिफिकेशन हुआ। जिसके अनुसार इस नेशनल हाइवे को 325 नंबर दिए गए। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के लिए 390 करोड़ रुपए की घोषणा की गई। जिसके बाद विभागीय स्तर पर इस प्रोजेक्ट के लिए सर्वे करवाया गया और रिपोर्ट तैयार की गई। वर्तमान में यह प्रोजेक्ट 900 करोड़ रुपए से अधिक का है ।
ग्रेनाइट इंडस्ट्रीज को मिलेगा फायदा
यह नेशनल हाइवे बाड़मेर जिले के बालोतरा, सिवाना, जालोर, आहोर, तखतगढ़ होते हुए सांडेराव को जोड़ेगा। इससे जहां बाड़मेर जिला सीधा जालोर से कनेक्ट हो जाएगा। वहीं जालोर भी पाली और बाड़मेर जिले से जुड़ जाएगा। जालोर में 1300 यूनिट ग्रेनाइट है। यहां से तैयार माल बड़ी मंडियों तक सडक़ मार्ग से पहुंचता है और कच्चा माल भी सडक़ मार्ग से ही जालोर पहुंचता है। ऐसे में एनएच बनने से यहां से तैयार माल बड़ी मंडियों तक पहुंचाने और कच्चा माल जालोर तक पहुंचाने में आसानी होगी।
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