वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नील गोरसच को सुप्रीम कोर्ट
के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। उनके इस नामांकन से
अदालत का कंजर्वेटिव मूल्यों के प्रति झुकाव बढ सकता है। डेमोक्रेट सदस्यों
ने उनके नामांकन का विरोध किया है। गोरसच का यह नामांकन गर्भपात, बंदूक
नियंत्रण, मृत्युदंड और धार्मिक अधिकारों जैसे बडे विभाजनकारी मुद्दों पर
दशकों तक के लिए किए जाने वाले बडे फैसलों पर कंजर्वेटिव लोगों के बढते
प्रभाव को रेखांकित करता है।
कोलोराडो में जन्मे और पले-बढे 49 वर्षीय
गोरसच पिछले 25 साल में सुप्रीम कोर्ट के लिए के लिए नामित किए गए सबसे कम
उम्र के उम्मीदवार हैं। ट्रंप की ओर से यह नामांकन कंजर्वेटिव न्यायाधीश
एंटोनिन स्कालिया के निधन के कारण पैदा हुई रिक्ति के चलते किया गया है।
व्हाइट हाउस के ईस्ट रुम से कल बडी घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मुझे
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए जज नील गोरसच के नामांकन की घोषणा
करते हुए गर्व हो रहा है। गोरसच ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और हार्वर्ड लॉ
स्कूल में पढाई की है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मार्शल स्कॉलर
के रूप में अपनी डॉक्टरेट की उपाधि ली थी।
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