जयपुर। बड़ी चौपड़ स्थित प्राचीन मंदिरों को आगामी 15 नवंबर को तोडऩे के सरकारी ऐलान का विरोध होना शुरू हो गया है। धरोहर बचाओं समिति ने 15 नवम्बर को जयपुर बंद की घोषणा की है। समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार हिन्दूओं के मंदिरों को ही निशाना बना रही है। जिससे पूरे हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त है। किसी भी सूरत में मंदिर नहीं हटाने दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले चांदपोल स्टेशन की जगह से हटाए गए मंदिर की मूर्तियों को प्रशासन ने गायब कर दिया गया और इसकी एफआईआर तक दर्ज है। इसके बाद प्राचीन गौरीशंकर महादेव को हटाकर अभी तक जलाधिवास में ही रखा गया है। इस तरह की कार्रवाई से हिन्दू समाज में भारी रोष व्याप्त है। धरोहर बचाओं समिति अब अन्य प्राचीन मंदिरों को नहीं हटाने देगी और इसके विरोध में उसी दिन जयपुर बंद कराया जाएगा। इसके लिए शहर के सभी सामाजिक और व्यापारिक संगठनों का समर्थन लिया जाएगा।
ये मंदिर सरकारी निशाने पर
बड़ी चौपड़ स्थित 5 प्राचीन मंदिर सरकारी निशाने पर है, जिन्हें मेट्रो कार्य के नाम पर हटाने की योजना है। इनमें ध्रुवमुखी हनुमान मंदिर, अमनेश्वर महादेव मंदिर, जमनेश्वर महादेव मंदिर और फूल वाले खंदा में हनुमान और गणेश मंदिर शामिल है। इससे पहले सरकार ने चांदपोल स्टेशन पर महादेव मंदिर को हटाया। इसके बाद छोटी चौपड़ स्थित प्राचीन रोजगारेश्वर महादेव समेत 6 प्राचीन मंदिर हटाए जा चुके हैं।
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