मुकेश बघेल,गुड़गांव। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें हटाने का आदेश दिया है, इससे अब राजमार्ग पर शराब की बिक्री नहीं होगी। हालांकि अभी जो शराब की दुकानें चल रही है उनके लिए सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल राहत दे दी है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ है की जिन दुकानों के लाइसेंस 31 मार्च 2017 तक या लाइसेंस ख़त्म होने तक चलती रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम फैसला गुरुवार को लिया। इस फैसले से गुड़गांव में नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर खुले करीब 50 शराब ठेकों पर गाज गिरेगी। इससे पहले वर्ष 2013 पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी हाईवे पर शराब ठेकों के खिलाफ याचिका लगाई थी और इस मामले में ठीक इसी तरह का फैसला सुनाया था। लेकिन हाईकोर्ट के इन आदेशों को दरकिनार कर शराब ठेके चल रहे थे।
नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे से सटे शराब के ठेके को हटाने को लेकर एक एनजीओ ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। एनजीओ ने हाइकोर्ट से अपनी याचिका में शराब के ठेकों के बाहर आकर्षित करने वाली डेकोरेटिव लाइट हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों का ध्यान बांटती है। ऐसे में यह सड़क दुर्घटना का एक बड़ा कारण बनती हैं।
गुरुग्राम-दिल्ली बार्डर से धारूहेड़ा बॉर्डर तक नेशनल हाईवे पर करीब डेढ़ दर्जन शराब ठेके चल रहे हैं। इसके अलावा सोहना रोड पर 25 किलोमीटर के दायरे में तीन दर्जन शराब ठेके चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सरकार कितनी गंभीरता से लेती है या फिर हाई कोर्ट के फैसले की तरह यह फैसला भी दरकिनार किया जाएगा।
गुरुग्राम ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर वाई.पूरन कुमार ने बताया कि पिछले 5 साल में 1000 लोग ड्रंक एंड ड्राइव के दौरान हादसों का शिकार हुए हैं। हम ड्रंक एंड ड्राइव के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूकर कर रहे हैं।[@ पांच दिन पहले बहन की मौत, अब इस हाल में मिला भाई का शव]
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