इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक प्रांतीय सरकार, संघीय सरकार से ‘अफगान गर्ल’ शरबत गुला को प्रत्यर्पित करने की जगह देश में उन्हें शरणार्थी का दर्जा देने का अनुरोध कर सकती है। यह जानकारी मीडिया रपटों से मिली। हरी आंखों वाली शरबत की तस्वीर 1984 में नेशनल ज्याग्रफिक पत्रिका के फोटो पत्रकार ने पेशावर के एक शरणार्थी शिविर में ली थी। उस वक्त वह 12 साल की थीं। यह फोटो पत्रिका के मुखपृष्ठ पर छपी और इसके बाद पूरी दुनिया में उनकी पहचान ‘अफगान गर्ल’ के रूप में बन गई।
अधिकारिक सूत्रों ने दैनिक समाचार पत्र ‘डॉन’ से कहा कि गुला को अफगानिस्तान वापस भेजने से रोकने के लिए खैबर-पख्तूनख्वा सरकार शीघ्र गृह मंत्रालय से संपर्क करेगी। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर की एक अदालत ने पाकिस्तान का कंप्यूटरीकृत जाली पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए शरबत गुला को 15 दिनों की जेल और 110,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी।
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