उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी
(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल के साथ रविवार
को लखनऊ में मंच साझा किया, लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर ही अखिलेश के पिता और सपा के
संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह इस गठबंधन के खिलाफ हैं, इसके लिए वह प्रचार
नहीं करेंगे। दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए मुलायम ने सपा-कांग्रेस गठबंधन
पर आपत्ति जताते हुए साफ कर दिया कि वह इसके पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह
पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। [@ मिलिये 94 साल के पंचम सिंह से, जिनसे कांपता था चंबल] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मुलायम ने अपना दर्द बयां किया, "हमारे जो नेता
हैं, जिनके टिकट कटे हैं वो अब क्या करेंगे? पांच साल के लिए तो मौका गंवा दिया है।
मैं इस समझौते के खिलाफ हूं। मैं किसी भी सूरत में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं
करूंगा।"
उन्होंने कहा कि सपा अकेले चुनाव लड़ने और जीतने में
सक्षम थी। पार्टी को किसी भी तरह के सहारे की जरूरत नहीं थी। सपा के ज्यादा से ज्यादा
नेताओं को टिकट मिलने चाहिए थे। कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत कर पार्टी को खड़ा किया
है।
अखिलेश और राहुल ने रविवार को ही लखनऊ स्थित ताज होटल
में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान हालांकि
अखिलेश यादव से यह सवाल भी पूछा गया था कि क्या उनके पिता मुलायम सिंह प्रचार करने
को तैयार हैं? जवाब में उन्होंने केवल इतना ही कहा कि उम्मीद है कि बड़े लोगों का आशीर्वाद
मिलेगा। अखिलेश और राहुल ने साझा रोड शो भी किया। दोनों ने कहा कि यूपी के युवा उनके
साथ हैं।
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