ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश के दबाव में सपा ने यह निर्णय लिया है। कुल मिलाकर सपा मुस्लिम वोट को अपने पाले में डालने के लिए मुख़्तार और कौमी एकता दल दोनों से चुनाव में नज़दीकियां बनाकर पूर्वांचल में मुस्लिम वोटरो में अपना पैठ बनाना शुरू कर दिया है।
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