कैथल। सरकार ने जाट समाज के नेताओं को आरक्षण देने का जो भी वायदा किया था, वह अवैध था। कुरुक्षेत्र सांसद राजकुमार सैनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऊपर जाकर आरक्षण देने जैसी कोई पावर सरकार के पास नहीं होती कि वो अपने मनमाने ढंग से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अनदेखा करके किसी की बात को लागू कर दें। गौरतलब है कि कैथल में जाट आरक्षण समिति के सदस्यों की बैठक हुई थी, इस बैठक में समाज के लोगों ने निर्णय लिया था कि अगर सरकार ने 28 जनवरी तक उनकी मांगे व जो वायदा किया था वह पूरा नहीं किया तो समाज के लोग पूरे प्रदेश में धरना व प्रदर्शन शुरू कर देंगे। विशेष जाति को आरक्षण देने के प्रस्ताव को जब सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया तो सरकार के पास कोई औचित्य बचता ही नहीं। इससे यह होगा कि प्रदेश में कोई भी नेतृत्व करे, लेकिन किसी के हकों से खिलवाड़ न कर सके। [@ यहां था पैदा होते ही बेटी को मार देने का रिवाज, अब बेटी ने ही किया नाम रोशन]
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