हिमांशु तिवारी, कानपुर। गंगा यमुना दोआब में तीसरे व चौथे चरण का
विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में
पार्टी की नैया पार लगाने के लिए केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को जिम्मेदारी सौंप दी है। यह ऐसा क्षेत्र है जहां पर ओबीसी वर्ग का मतदाता अधिक है। जिसके चलते पार्टी ने निषाद समाज से आने वाली साध्वी
पर विश्वास जताया है।
कानपुर देहात की पुखरायां जनसभा के बाद
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कानपुर के एक होटल में पदाधिकारियों के साथ कानपुर-बुन्देलखण्ड
व कानपुर से इलाहाबाद तक की चुनावी स्थिति पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार बताया
जा रहा है कि तीन दौर की बैठक हुई जिसमें कानपुर से इलाहाबाद क्षेत्र तक जिम्मेदारी
के लिए केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, आगरा सांसद रामशंकर कठेरिया, पूर्व मंत्री
राधेश्याम गुप्ता, कौशांबी सांसद विनोद सोनकर, इलाहाबाद सांसद श्यामाचरण गुप्ता
पर चर्चा हुई। लेकिन अन्ततः मुहर केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति
पर लगी। तर्क दिया गया कि यह क्षेत्र ओबीसी बाहुल्य है और उसमें भी दोनों नदियों के किनारे निषाद समाज की तादाद अच्छी है। इसके
अलावा फतेहपुर से वह सांसद भी हैं और उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।
ऐसे में
अब देखना होगा कि केन्द्रीय नेतृत्व पर साध्वी कहां तक खरी उतर पाती हैं। क्षेत्रीय
मीडिया प्रभारी मोहित पाण्डेय ने कहा कि पार्टी जाति धर्म में विश्वास नहीं
रखती, विकास के दम पर हम चुनाव जीतने जा रहें है। रही बात साध्वी की जिम्मेदारी
को
तो वह पार्टी के बड़े नेताओं में है उनका वही संसदीय क्षेत्र
है और उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।
इसलिए उनको विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की जीत के लिए जिम्मेदारी दी गई है।
छह सीटों पर
मिली थी जीत
कानपुर से इलाहाबाद के संगम तक का गंगा यमुना के बीच
का क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के लिहाज से पिछले विधानसभा चुनाव में बेहद कमजोर
रहा। जिसके चलते इस क्षेत्र की 21 सीटों में से महज छह सीटों पर ही कमल खिल
सका। हालांकि लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में शत प्रतिशत जीत हुई और कानपुर,
फतेहपुर, कौशांबी व इलाहाबाद से क्रमशः डॉ. मुरली मनोहर जोशी, साध्वी निरंजन
ज्योति, विनोद सोनकर व श्यामा चरण गुप्ता सांसद चुने गये।
निषाद समाज हो
सकता है निर्णायक
इस क्षेत्र में निषाद समाज की संख्या काफी है और कुछ
सीटों को छोड़कर लगभग सभी सीटों में जीत-हार का माद्दा रखते हैं। कानपुर की बिठूर,
घाटमपुर, महाराजपुर, फतेहपुर की जहानाबाद, बिंदकी, अयाहशाह, खागा, फतेहपुर सदर,
कौशांबी की सिराथू, चायल, कौशांबी सदर, इलाहाबाद की उत्तरी, दक्षिणी व पश्चिमी
सीटों पर इनका दखल रहता है।
सपा बसपा का
था परंपरागत वोट
इस क्षेत्र का निषाद समाज सपा बसपा को ही ज्यादातर वोट करता आ रहा
है। जिससे यह पार्टियां इनको अपना परंपरागत वोट मानती है। लेकिन लोकसभा चुनाव
में भाजपा ने साध्वी को फतेहपुर से मैदान में उतारकर सेंधमारी कर दी। अगर साध्वी
केन्द्रीय नेतृत्व पर लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में खरी उतर गईं तो सपा
बसपा को इस क्षेत्र में बहुत तगड़ा झटका लग सकता है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 99 रन से हराया, वनडे सीरीज पर कब्जा, गिल-अय्यर और अश्विन के आगे पस्त हुए कंगारू
सात फेरे लेकर एक दूजे के हुए राघव और परिणीति, 18 बोट्स से पहुंची बारात
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया- बृजभूषण ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा
Daily Horoscope