हिरासत में ली गईं पांच लड़कियों के मुताबिक, उनको लडक़ों के साथ एक ही
वैन में ठूंसकर जेल तक लाया गया। इन पांच लड़कियों में 4 नाबालिग हैं। इनको
अरेस्ट करते वक्त कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं थीं।
लड़कियों का आरोप है कि पुलिस वाले अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे और
उनको पीटने की धमकी भी दे रहे थे।
बाल सुरक्षा अधिकारों से जुड़े
एक्टिविस्ट्स का कहना है कि यह बाल अधिकारों, जूवेनाइल जस्टिस एक्ट, मौलिक
अधिकारों और मानवाधिकारों का हनन है। पुसिल वाले इस तरह से नाबालिगों को
नहीं गिरफ्तार कर सकते थे। इस मामले पर जब बाल अधिकारों के राज्य कमिशन के
चेयरमैन राघवेंद्र शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया, ‘मैंने बच्चों को
प्रोटेस्ट करते देखा। मैं स्टेज पर था। मुझे पता है कि उनमें से महज एक या
दो ही नाबालिग थे। मैं यह भी जानना चाहता हूं कि उन बच्चों को उकसाकर वहां
कौन लाया था।’ [@ वर्ष 2016: डोनाल्ड ट्रंप ने रचा इतिहास, विवादों के साथ बने US के 45वें राष्ट्रपति ]
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