जालोर। डिस्कॉम की विजिलेंस टीम की ओर से दो दिन पहले
सांचौर के गोलासन गांव में विधायक सुखराम बिश्नोई के पुत्र के हिस्सेदारी
वाली डेयरी पर 57 लाख की बिजली चोरी का प्रकरण बनाकर बिजली विच्छेद करने के
आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्टे दिया है। ममता डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मांगीलाल ने एडवोकेट विनित
कुमार माथुर के जरिए राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश संदीप मेहता की बैंच
में परिवाद पेश किया था। जिसमें बताया था कि ममता डेयरी में मीटर खराब होने
की शिकायत नवम्बर माह में ही डिस्कॉम में दर्ज करवा दी थी। इसके बाद
डिस्कॉम की ओर से जनवरी में डेयरी का खराब मीटर बदला गया। इस दौरान डिस्कॉम
की ओर से कई बार फ्लेट रेट भी वसूली गई। खराब मीटर करीब आठ महीने तक
बाड़मेर में पड़ा रहा। इस अवधि में डिस्कॉम की ओर से इस मीटर को सील तक
नहीं किया गया। अब बिजली चोरी का प्रकरण बनाकर 57 लाख रुपए की पेनल्टी
निकाली गई है। साथ ही डिस्कॉम की ओर से डेयरी की बिजली विच्छेद की तैयारी
की जा रही है। परिवाद में विभाग की ओर से मीटर में छेड़छाड़ की आशंका जताई
गई। परिवाद में लैब की दोनों रिपोर्ट अलग-अलग होने, लैब की रिपोर्ट अाने के
आठ माह बाद वीसीआर भरने एवं राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कार्रवाई की आशंका
जताते हुए स्टे मांगा था। बैंच ने डेयरी का बिजली कनेक्शन विच्छेद करने पर
आगामी आदेश तक स्टे दिया है। साथ ही प्रार्थी को एक माह में पेनल्टी राशि
का 25 प्रतिशत हिस्सा जमा करवाकर प्रकरण डिस्कॉम की निराकरण समिति में दर्ज
कराने का आदेश दिया है। यह था मामला जालोर की डिस्कॉम विजिलेंस टीम ने 15 अक्टूबर को गोलासन गांव
में ममता डेयरी में कार्रवाई करते हुए मीटर से छेड़छाड़ कर 57 लाख रुपए की
बिजली चोरी का प्रकरण बनाया था। टीम ने दावा किया था कि डेयरी में लगे मीटर
की 20 जनवरी को जांच की गई थी, जिसमें मीटर का डिस्प्ले ऑफ था। इससे मामला
संदिग्ध लगने पर इसे सीज कर उदयपुर में थर्ड पार्टी निरीक्षण कराया गया।
जिसमें मीटर टेपरिंग पाई गई थी। वहीं विधायक के पुत्र व दामाद के
हिस्सेदारी वाली डेयरी में बिजली चोरी का प्रकरण बनाने के बाद विधायक
सुखराम विश्नोई ने इसे द्वेषतापूर्ण की गई कार्रवाई बताया था। अब गर्माएगी राजनीति विधायक पुत्र के हिस्सेदारी वाली डेयरी में बिजली चोरी का
प्रकरण बनने के बाद सोशल मीडिया पर भी यह मामला छाया रहा। इस दौरान सांचौर
के पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी ने अपनी फेसबुक आईडी से इस मामले में कई तंज
कसे थे। वहीं उन्होंने खुले तौर पर सामने आकर ‘सुखराम हटाओ सांचौर बचाओ’
जैसे कमेंट भी किए थे। ऐसे में आने वाले समय में सांचौर की राजनीति गर्मा
सकती है। इससे सुखराम समर्थकों की ओर से भी अब पूर्व विधायक चौधरी को आड़े
हाथों लिया जा सकता है। वहीं इससे राजनीति के कई दबे मामले फिर से उछल कर
बाहर आ सकते हैं।
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