यमुनानगर। जिले के गांव सुढल में देर रात आसमान का कुछ ऐसा नजारा था
कि लोग यही समझ रहे थे कि आसमान में तारे टूट रहे है। कुछ ही देर के
बाद जब आसमान से छोटे छोटे पत्थर जमीन पर गिरे तो तब जाकर लोगो को पता चला
कि आसमान में उठने वाली रंगबिरंगी लाइटे उल्कापिंड की है जिनके जमीन पर
गिरने से पहले ही कुछ पत्थर कारो गांव में खडी कारों पर लगे जिनके चलते एक
गाडी का तो शीशा टूट गया जबकि दूसरी को मामूली नुकसान हुआ हालाकि अब
ग्रामीण इन पत्थरों को लैब से टेस्ट करवाने की बात कर रहे है।गांव सुढल में देर रात जिसने भी यह नजारा देखा वह हैरान करने वाला था। छोटे छोटे पत्थर भी जमीन
पर गिरते ही स्वाह हो गए। ऐसे में गांव वालों के हाथ महज एक ही
पत्थर लगा जोकि रात को तो गोल्डन था लेकिन सुबह होते होते वह हल्के भूरे
रंग में बदल गया हालाकि गांव के लोग इनको उल्कापिंड से जोड कर देख रहे
है । ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि जो पत्थर जमीन पर गिरे है वह
उल्कापिंड है और उन्हें टेस्टिंग के लिए अब लैब में भेजने जा रहे है जिनके
बाद ही यह पता चलेगा कि आसमान से गिरने वाले पत्थर उल्कापिंड है या फिर कुछ
और फिल्हाल इन पत्थरों के गिरने से एक कार के शीशे टूट गए है जबकि दूसरी
को मामूली खरोच आई है।
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