जयपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में घोड़ों में जानलेवा ग्लेण्डर नामक संक्रमण रोग पर काबू पा लिया गया है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए इससे ग्रस्त तीन में से दो घोड़ों को दया मृत्यु दे दी गई है। राजस्थान के पशु निदेशक अजय गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में पहली बार पाए गए इस संक्रमण पर काबू पा लिया गया है और इसके आगे फैलने की संभावना नही के बराबर है। प्रदेश के धौलपुर जिले के राजाखेड़ा में घोडों में पाए गए इस रोग की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है। इससे ग्रस्त घोड़ों के खून के नमूने लेकर हिसार स्थित केन्द्रीय प्रयोगशाला भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से चार घोडों के नमूने पोजीटिव पाए गए थे। इनमें से एक घोड़े की 10 दिन पूर्व मृत्यु हो गई थी। धौलपुर के संयुक्त निदेशक पशुपालन बच्चू सिंह गुर्जर ने बताया कि जिले में घोड़ों में ग्लेण्डर नामक संक्रामक रोग की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट पेश की गई और इसकी रोकथाम के लिये प्रभावित घोड़ों को दया मृत्यु देने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया था। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद दोनों घोड़ों के मालिकों से बात कर प्रभावित पशुओं को दया मृत्यु दी गई और बाद में उन्हें दफना दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक घोड़े में यह बीमारी फैली हुई है और जिला प्रशासन के अधिकारी घोड़े के मालिक को दया मृत्यु देने के लिए सहमत करने का प्रयास कर रहे है। गुर्जर ने बताया कि राजाखेड़ा में बडे पैमाने पर घोड़े और खच्चरों का पालन किया जाता है। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लाए गए एक खच्चर के साथ ग्लेण्डर रोग यहां पहुंच गया जो तीन अन्य घोड़ों में फैल गया। उन्होंने बताया कि संकमण के कारण दया मृत्यु दिए गए पशुओं के लिए राज्य सरकार की ओर से मुआवजा भी स्वीकृत किया गया है और नियमानुसार इनके मालिकों इसका भुगतान शीघ्र कर दिया जाएगा।
demo pic
तेजस्वी की सभा में चिराग के परिवार के खिलाफ बोले गए अपशब्द का वीडियो वायरल, रिएक्शन भी मिला
मतदान से पहले अनिल बलूनी और पौड़ी गढ़वाल की जनता को पीएम मोदी का खत, दिया खास संदेश
भाजपा भ्रष्टाचारियों का गोदाम, गाजियाबाद से गाजीपुर तक होगा सफाया- अखिलेश यादव
Daily Horoscope