चूरू। सालासर क्षेत्र के गांव खारिया कनिराम के स्वतंत्रता सेनानी मेघसिंह सेवदा का सोमवार रात निधन हो गया। मंगलवार सुबह राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे ओमप्रकाश ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। आजादी का यह मतवाला तिरंगे में लिपटकर चला तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। स्वतंत्रता सेनानी सेवदा को अंतिम विदाई देने पूरा जिला उमड़ा। ये अपने इकलौते बेटे ओमप्रकाश के साथ खेत में रहते थे। एक बेटी के अलावा सेवदा के पांच पोते व एक पोती भी है। सेवदा ने आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वर्ष 1942 में बीकानेर में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में गुप्तचर की भूमिका निभाई। उस समय बीकानेर प्रजा मंडल के सक्रिय सदस्य भी रहे। रतनगढ़ के कांगड़ा गांव में गरीबों पर अत्याचार करने व गुलाम बनाने वालों के खिलाफ आंदोलन किया। मेघसिंह 1955 से 1957 तक व 1958 से 1964 तक सरंपच रहे। इसके बाद एक साल के लिए न्याय पंचायत खुड़ी के पंच बनाए गए। उसके बाद चार वर्ष तक फिर सरंपच रहे। सेवदा की अंतिम यात्रा में विधायक खेमाराम मेघवाल, चूरू जिला कलक्टर ललित गुप्ता, एसपी राहुल बारहट, एसडीएम अजय आर्य, तहसीलदार सुशील कुमार सैनी, नायब तहसीलदार गोकुलदान चारण, थानाधिकारी बलराज मान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भंवरलाल पुजारी, सुजानगढ़ प्रधान गणेश ढाका, भाजपा देहात अध्यक्ष महावीर सिंह, अभिनेष महर्षि, पुसाराम गोदारा, महेन्द्र ढूकिया आदि शामिल हुए।
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