कानपुर।
प्रदेश में नशा से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब, मजदूर व किसान होता है और राजस्व के
लिए इस पर रोक नहीं लगाई जा रही है। बहुत से गरीबों के परिवार नशे के चलते अपना
सबकुछ गवां चुके हैं। गरीबों के परिवार को बचाने के लिए बहन जी की सरकार आते ही यूपी
नशा मुक्ति हो जाएगा। यह कहना है पूर्व राज्य मंत्री व पाल महासभा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष सतीश पाल का।
उन्होंने
कहा कि किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में देखा जाय वहां पर शराब के ठेके, पान गुमटी की दुकाने जरूर होगी। ऐसा
इसलिए किया जाता है कि फैक्ट्री मालिक को आशंका रहती है कि अगर मजदूर अधिक रूपया
जोड़ लेगा तो वह मजदूरी करना बंद कर देगा। इसीलिए अपने आस-पास ऐसे नशीली वस्तुओं को
बेचने के लिए बढ़ावा देते हैं। कहा कि सूबे के मुखिया युवा सोच व विकास की बात करते
हैं पर नशाबंदी पर ज्यों ही बात होती है तो वह मीडिया के सामने आने से ही कतराने
लगते है। जिससे साफ है कि गरीबों का उजड़ रहा परिवार राजस्व के सामने अधिक सरकार को
मायने रखता है। कहा कि यह तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बहन जी की सरकार बनने
जा रही है और प्रदेश को नशामुक्ति कर दिया जाएगा। बताते चलें कि सतीश पाल मोतीझील में
पाल, बघेल, धनगर समाज की रैली को संबोधित करते हुए
यह बातें कही। इस दौरान मुख्य जोनल कोर्डिनेटर व सांसद डा. अशोक सिद्धार्थ ने भी
सपा सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है
और प्रदेश की जनता लचर कानून व्यवस्था से पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है। इस अवसर
पर पूर्व विधायक तिलक चन्द्र अहिरवार, धर्मपाल सिंह भदौरिया, अंटू मिश्रा, सुनील पाल, वाईएन पाल, मनोज शुक्ला, निर्मल तिवारी आदि मौजूद रहे।
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