नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को एक बार फिर नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमाला किया है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि नोटबंदी आजाद भारत का एक काला अध्याय है, बिना किसी तैयारी के ही 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का फैसला लिया गया। पीएम की बातों से ऐसा लगता नहीं कि वह उम्मीदों को पूरा करेंगे। अच्छे दिन के आसार नहीं हैं। पीएम के संबोधन से निराशा हुई है। लोगों को अपने पैसे खर्च करने की आजादी हो। मायावती ने कहा छोटे कारोबारियों को भी थी राहत की उम्मीद, लोग उम्मीद कर रहे थे कि खातों में 15 लाख आएंगे। इसी के साथ उन्होंने पीएम की लखनऊ रैली के बारे में कहा कि उसमें भाड़े के लोग इकट्ठा किए गए थे। [@ वर्ष 2016 की वे खबरें जो बनी पूरे विश्व में चर्चा का विषय ]
मायावती ने कहा कि नोटबंदी से 90 फीसदी लोग परेशान हुए हैं। इस फैसले से कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था लेकिन अच्छे दिन आने के कम आसार दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले की तरह लोगों को पैसे निकालने देना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि कालाधन लाएंगे और सबके खाते में 15-15 लाख रुपये आएंगे। उम्मीद है कि सबके खाते में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस सरकार के ज्यादातर फैसले जनता के लिए अभिशाप हैं। मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रधानमंत्री की रैली में उमड़ी भीड़ के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में भाड़े पर लोगों को लाया गया था। मोदी सरकार जनता का ध्यान नोटबंदी से हटाने पर लगी हुई है।
बसपा प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिकटों के बारे में बताते हुए कहा कि बसपा आगामी चुनावों में 85 एससी सीटों, 2 सामान्य सीटों पर कुल 87 एससी उम्मीदवारों को टिकट दी है, वहीं 97 मुस्लिम उम्मीदवार, 113 सामान्य जाति के उम्मीदवार, जिनमें 66 ब्राह्मण, 36 क्षत्रिय और 11 कायस्थ शामिल हैं, को टिकट दी गई है।
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