मथुरा।
सुप्रीम कोर्ट की राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के कड़े रुख के चलते गिरिराज जी
की तलहटी में विकास प्राधिकरण लगातार नजर बनाये हुए हैं। मंडलायुक्त आगरा द्वारा
अपनी रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करने के बाद भी मामला अभी तक शान्त नहीं हुआ हैं।
एनजीटी गिरिराज महाराज की तलहटी के किनारे वनविभाग की जमीन पर अवैध कब्जों एवं
हरियाली न होने पर प्रशासन से कठोर कदम उठाने को कहा है। गौरतलब है कि एमसी मेहता
की याचिका पर एनजीटी में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग क्षेत्र को लेकर 21 फरवरी को
सुनवाई होनी है। इस याचिका मैं अवैध निर्माण, वनविभाग की जमीन पर कब्ज़ा आदि बिंदु
शामिल हैं। [# खाने को लेकर बाराती और घरातियों में झगड़ा, बारातियों को बनाया बंधक] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
जिलाधिकारी नितिन बंसल की अध्यक्षता मैं हुई बैठक के बाद विकास प्राधिकरण की ओर से
शुक्रवार को राधाकुण्ड क़स्बा के समीप नगला सांखी के सामने बनी कई कॉलोनियों के
मकानों की सूची तैयार की गई। जिसमें करीब दो दर्जन मकानों के स्वामियों की सूची
तैयार की गई है। विकास प्राधिकरण मथुरा-वृन्दावन के एई राजीव शर्मा ने बताया कि
विकास प्राधिकरण के नियमानुशार गोवर्धन पर्वत एवं उसके आस-पास बनी कॉलोनियों को
अनुमति लेनी होती है। जब एनजीटी की ओर से निर्देशित किया गया है, तो विभाग अनुमति
एवं बिना अनुमति के कॉलौनी, मकानों को सूचीबद्ध कर रहा है। प्राधिकरण द्वारा किए
गए सर्वे की रिपोर्ट जिलाधिकारी मथुरा को सौंपी जाएगी।
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