बोंगरिया (आजमगढ़)। अजीबोगरीब माहौल था। आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे तो हर चेहरे पर खुशी के भाव। बेटी भले किसी की रही हो, लेकिन लग रहा था कि क्षेत्र के लोगों के घर पर बारात आई है और उनकी बेटी की मांग सज रही
है। एक तरफ सैकड़ों महिलाएं विवाह गीत गा रही थीं तो वहीं लोकगीत गायक कलाकर अपने गीतों के माध्यम से नव दंपती को आशीष दे रहे थे।
जयमाल के दौरान क्षेत्र के जीयापुर गांव निवासी गायक कलाकार मुन्नालाल यादव ने जैसे `जुग-जुग जीये रे दुल्हनियां दूल्हा जीये लाख बरिस, गंगा जमुनवा में जइसे पानी वइसे दुनहुन के बनल रहे जिन्दगानी गीत प्रस्तुत किया तो मानो हर कोई भावुक हो उठा।
स्थान था बोगरिया बाजार के पौहारी बाबा गेट के पास जहां चार जोड़ों का दहेज रहित सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। इस भावपूर्ण माहौल व मंगल कार्य के साक्षी बने दूल्हा-दुल्हन के अभिभावकों के अलावा क्षेत्र के सैकड़ों लोग एक स्टेज पर जयमाल के बाद पौहारी बाबा स्थान पर सिन्दूरदान की रस्म पूरे मंत्रोचारण के साथ रस्म अदा की गयी।
आजाद कल्याण सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कहीं कोई कमी नहीं दिख रही थी।विवाह के बंधन में बधने वाले दंपती थे कुमारी प्रमिला पुत्री दुलारे बनवासी का विवाह सुजीत पुत्र रामकेशव बनवासी के साथ। इसी क्रम में कुमारी रेखा पुत्री स्व. निरमा बनवासी का विवाह धर्मेन्द्र पुत्र नरायन बनवासी के साथ। कुमारी अंचन पुत्री विनोद बॉसफोर का विवाह बड़े कुमार पुत्र रामजीत के साथ। इसीक्रम में कुमारी सुषमा पुत्री रामभवन मौर्य का विवाह जितेन्द्र पुत्र चन्द्रभान मौर्य के साथ हुआ।
विवाह भले ही दहेज रहित रहा हो लेकिन विदाई के समय आयोजन समिति की ओर से सभी को उपहार स्वरूप चार कलाही घड़ी दुल्हन के लिए, कलाई घड़ी दुल्हे के लिए। चार दुल्हन के लिए नाक की किल सोने कि, एक-एक जोड़ा पायल, चार जोड़ा मीना, चांदी अंगूठी चार अदद, बेड चार अदद, बड़ा व छोटा बक्शा चार अदद, 16 जोड़ा बर्तन, रजाई-गद्दा, पंखा, प्रेस, चार सिंगारदान, चार साड़ी सभी जोड़ों को व पॉच किलो मिठाई प्रदान किया गया। समिति के संयुक्त मंत्री संजय कुमार यादव ने बताया कि संस्था द्वारा 15 वर्षो से इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।
वहीं संस्था के सचिव बृजभूषण रजक ने कहा कि समाज में दहेज लेना और दहेज देना पाप है, लेकिन फिर भी दहेज का प्रचलन जोरों पर है। जब लड़के कि शादी करनी होती है तो इन्सान सबसे धनवान बन जाता है। और जब लड़की कि शादी करनी होती है तो दुनिया का सबसे गरीब इंसान बन जाता है। समाज में दहेज को खत्म करना है तो सभी वर्ग के लोगों को आगे बढ़कर सामूहिक विवाह में अपने लड़के लड़कियों की शादी दहेज रहित करना शुरू कर दे तो दहेज कोढ़ समाज से लुप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम कि अध्यक्षता विरेन्द्र यादव तथा संचालन अरूण सिंह व मुन्ना यादव ने किया। आयोजन समिति से जुड़े समाजसेवी इंदल मौर्य, मंजू सरोज प्रबन्धक सरोज सेन्टल एकेडमी गोरखपुर, संतोष चौहान, कमल स्वरूप श्रीवास्तव, रामनरायन मैार्य, चन्द्रशेखर, छांगुर यादव, बबलू सिंह, अनुपम सिंह, राम रतन मौर्य, संतोष यादव, अकिंचन चौहान, विद्या चौधरी, राजेश सिंह, जय, पुट्टू सिंह, दीपक, अब्बास अली हैदर, विनोद राम आदि ने नव दंपति को आशीष दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आजाद कल्याण सेवा समिति रासेपुर, बोंगरिया संस्था के सभी लोगों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह का प्रयास निश्चित रूप से दहेज के दानवों का मनोबल तोडऩे में सहायक होगा।
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