अभिषेक मिश्रा। मुरादाबाद जिले में यूपी विधानसभा
के दूसरे चरण का मतदान हुआ और वह भी 65 फीसदी से ज्यादा। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने
वाली बात ये रही कि जिले में बगैर कोई हिंसा हुए ये मतदान संपन्न हुआ। जबकि जिले
का रिकॉर्ड रहा है कि यहां पर चुनाव के दौरान हिंसा और विवाद होते रहे हैं। शायद
ही यह पहला मतदान होगा जब इतनी शांति के साथ इतना ज्यादा मतदान हुआ और देर रात तक
लोगों ने लाइन में लगकर मतदान का प्रयोग किया। इसका श्रेय जिला प्रशासन और जिले के
पुलिस कप्तान मनोज तिवारी को जाता है। जिन्होंने एक बेहतर रणनीति बनाकर लोकतंत्र
के इस महाकुंभ को संपन्न कराया। [@ रहस्य बनी दूसरी कक्षा की छात्रा गजल की मौत, सोशल मीडिया पर वायरल] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
असल
में मनोज तिवारी गर्वनेंस के एक्सपर्ट माने जाते हैं। मुरादाबाद जिले से पहले वह
सहारनपुर और झांसी के एसएसपी के पद पर रह चुके हैं और जिले में आने से पहले वह
सीतापुर पीएसी में कमांडेंट के पद पर थे। सहारनपुर में वह बेहतर काम कर रहे थे,
लेकिन कुछ लोगों को उनके इस बेहतर काम से दिक्कतें हो रही थीं जिसके चलते उनका
ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन चुनाव आयोग ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें मुरादाबाद
जैसे अतिसंवेदनशील जिले की कमान सौंपी। जाहिर है, ये मनोज के लिए एक बड़ी चुनौती
थी, क्योंकि वह मूल रूप से यूपी कैडर के नहीं हैं और सिक्किम कैडर के 2003 बैच के
आईपीएस अफसर हैं। सिक्किम शांत राज्य माना जाता है और वहां पर यूपी की तरह ज्यादा
चुनौती नहीं है।
लेकिन
उन्होंने इसे एक चुनौती के साथ लिया और जिला प्रशासन के साथ मिलकर रणनीति तैयार की
और इसी का नतीजा है कि बगैर किसी विवाद और हिंसा के जिले में इतना ज्यादा मतदान
हुआ। हिंदी समाचार पत्र के संपादक निहाल हुसैन कहते हैं कि इसके लिए जिलाधिकारी और
कप्तान साहब को बधाई।
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