आगरा। मणिपुर से आए स्टूडेंट्स के ग्रुप को
राष्ट्रीयता के शक पर ताजमहल में एंट्री करने से रोक दिया गया। आईडी कार्ड चेकिंग
के दौरान भी स्टूडेंट्स के साथ अभद्र व्यवहार हुआ। भारतीय नहीं होने के शक में
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स को 40 रुपए की जगह
1000 रुपए का टिकट खरीदने को कहा। हालांकि, बाद में पुलिस की दखलंदाजी के बाद स्टूडेंट्स
को ताज में एंट्री दे दी गई।
मामला 8 जनवरी का है। उत्तर पूर्वी राज्यों के
दो दर्जन छात्रों का ग्रुप एजुकेशनल टूर पर आगरा आया था। इनमें अधिकतर मणिपुरी
छात्र थे। गेट पर टिकट स्कैन होने के दौरान एएसआई के कर्मचारियों ने मणिपुर के
छात्रों से आईडी कार्ड मांगे। इस दौरान स्टूडेंट्स ने अपने कॉलेज के आईकार्ड
दिखाए। इसके बाद स्टूडेंट्स से आधार कार्ड मांगा गया। करीब आधा दर्जन स्टूडेंट्स
के पास आधार कार्ड नहीं थे। जिसके चलते उन्हें ताज में एंट्री देने से रोक दिया
गया। मिली जानकारी के मुताबिक, कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से कहा- कॉलेज के कार्ड
को उनके भारतीय होने का सबूत नहीं माना जा सकता है। कुछ देर रुकने के बाद छात्रों
ने वहां मौजूद पर्यटन पुलिस से इसकी शिकायत की। तब पुलिस ने आईकार्ड के आधार पर स्मारक
परिसर में एंट्री करवाई। ताज परिसर में जाने के बाद स्टूडेंट्स ने एएसआई की
शिकायत पुस्तिका मांगी। इसमें उन्होंने अपने साथ हुए बर्ताव को बयां किया।
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