जालंधर। पन्द्रह
साल बाद जूनियर हाकी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय जूनियर हाकी टीम के
खिलाडियो के परिवार वाले बच्चों की इस उपलब्धि से खासे उत्साहित हैं।
पंजाब के जालंधर शहर रहते मंदीप सिंह के परिवार वाले बेहद खुश है मंदीप की
माँ को ख़ुशी है कि उनका लाल जूनियर वर्ल्ड कप जीत गया है। अब वह चाहती हैं
कि मंदीप ओलम्पिक में देश के लिए मैडल लेकर आये। मंदीप की माँ ने बताया
कि अगर मंदीप के पिता ने मंदीप के हाथों क्रिकेट बैट छुडवा हाकी स्टिक न
थमाई होती तो मंदीप आज विश्व विजेता टीम का हिस्सा न होता। [@ 500,1000 के पुराने नोट जमा कराने पर RBI ने जोडी कडी शर्त]
जूनियर वर्ल्ड कप जीतने की ख़ुशी मंदीप के परिवार वालो
के चेहरों पर देखी जा सकती है। मंदीप के बड़े भाई हमिंदर ने बताया कि
मंदीप को इस मुकाम तक पहुँचने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ा है। हमिंदर
ने बताया कि उनके परिवार में उनका ताया , चाचा और खुद वह हाकी के खिलाड़ी है
इसीलिए मंदीप को भी इसी खेल में डाला। हमिंदर ने बताया कि उनके पिता
चाहते थे कि मंदीप हाकी खेले इसीलिए 9 वर्ष की आयु में उन्होंने मंदीप को
क्रिकेट का बल्ला छुडवा हाकी स्टिक थमा दी। हमिंदर ने कहा कि देश में
नेशनल गेम हाकी को प्राथमिकता दी जानी चाहिये।
अपने
हाथों से मंदीप को खाना खिला ग्राउंड में भेजने वाली मंदीप की माँ दविंदर
जीत कौर का कहना था की बेटे की इस उपलब्धि से वह बहुत खुश है।, उन्होंने
बताया की मंदीप बचपन में प्रक्टिस को सबसे ज्यादा तवज्जो देता था। स्कूल से घर आकर यूनिफार्म चेंज करने के बाद
ग्राउंड की तरफ भागना शुरू कर देता था। वह समय पर खाना बभी नही खाता था
ऐसे में उसे अपने हाथों से खाना खिलाकर में भेजती थी। कौर ने बताया की
अगर मंदीप के पिता ने उसके हाथ से क्रिकेट बेट छुडवा हाकी स्टिक न थमाई
होती तो मंदीप आज यह मुकाम हासिल न कर पाता।
कर्नाटक में एम्स की स्थापना के लिए केंद्र ने दी हरी झंडी
चीनी नागरिकों को धोखाधड़ी से वीजा दिलाने में मदद करने पर कार्ति के दोस्त को ट्रांजिट रिमांड पर भेजा
मप्र: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भाजपा-कांग्रेस की अपनी-अपनी ढपली
Daily Horoscope