बांसवाड़ा। मामूली रकम की खातिर अपने ही मासूम को भेड़ें चराने वाले बुजुर्ग के पास गिरवी रखने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। गनोड़ा के नजदीक मंडेला गांव के एक पिता ने अपने ही 10-12 साल के मासूम बेटे को 3 हजार रुपए महीने की शर्त पर गडरिए के पास गिरवी रख दिया। लेकिन, मासूम की किस्मत अच्छी थी। जिससे बालक की जिन्दगी जहन्नुम होने से बच गई। असल में इस बच्चे को लेकर गडरिया एक बस में जा रहा था। बस में बच्चे को रोता देख एक युवक पंकज ने उससे बात की तो बालक ने पूरा माजरा बता दिया। युवक ने बस रुकवाई और पुलिस को खबर दी। पुलिस पहुंची और बालक, गडरिया और युवक को लेकर थाने पहुंची। पिता को बुलवाया गया और जमकर लताड़ लगाई गई। मासूम के पिता ने रोते हुए गरीबी को इसके पीछे की वजह बताई। बाद में लिखित में शपथ-पत्र लिया, जिसमें बालक को पढ़ाने और ऐसी हरकत दोबारा नहीं के लिए पाबंद कर बालक को पिता को सौंप दिया। कोतवाल ने बताया, बालक जाना नहीं चाहता था। पिता और गडरिए के बीच पैसों की लेनदेन की बात तय हुई थी। बालक के पिता ने गरीबी के चलते बेटे को गडरिए के पास गिरवी रखना बताया। बाद में माफी मांगने और दोबारा ऐसी हरकत नहीं करने के लिए पाबंद करने के बाद बेटा दिया। साथ ही संबंधित थाने में भी इस पर निगरानी रखने को कहा है।
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