मंडी(बीरबल शर्मा)। मध्य जोन मण्डी में राजधानी को लेकर आंदोलन चला रहे किसान बचाओ हिमाचल बचाओ अभियान ने दूसरी राजधानी धर्मशाला का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि मंडी के लोग प्रदेश के केंद्र बिंदू मण्डी जिला में तीसरी राजधानी बनाने में कामयाब होंगे, इससे लोगों का समय और लागत की बचत होगी। अभियान संयोजक देसराज शर्मा ने आरोप लगाया कि मध्य जोन मण्डी में राजधानी को लेकर मंडी के किसी भी विधायक और मंत्री ने मुंह नहीं खोला है, जबकि आजादी के बाद पौराणिक प्रदेश हिमाचल के पुनर्गठन के 1 नवंबर 1966 से 25 जनवरी 1971 के दौरान से आज तक मण्डी जिला में राजधानी का मुददा उठता रहा है। [@ अजब-गजबः नमक के दाने पर पेंटिंग का रिकार्ड] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
देसराज शर्मा ने बताया कि शिमला में पर्यावरण व पर्यटन संतुलन और विकेंद्रीकरण के लिए लाहुल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा, ऊना, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों के लाखों लोगों तक विकास व जन कल्याण की योजनायें और उनकी भावनाएं सरकार जनता के द्वार के मददेनजर मध्य जोन मंडी में भी विधानसभा का सत्र चलाया जाए। इससे सरकार व लोगों का करोड़ों रुपये बचेगा। पहली राजधानी शिमला, दूसरी धर्मशाला और तीसरी राजधानी मंडी में हो।
राजधानी सुंदरनगर, चैलचौक, बल्ह, जाहु और मंडी की प्लेट को केंद्रित करके बनाई जा सकती है। जिसमें मैट्रो रेल, एयरपोर्ट, जल परिवहन के अलावा राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तरीय गतिविधी केंद्र आसानी से स्थापित हो सकते हैं। मुलभूत ढांचा निर्माण का खर्चा भी यहां बहुत कम है। यहां बिजली पानी, सीमेंट, रेत-बजरी, पत्थर, प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है।
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