मथुरा । महाशिवरात्रि के पर्व का उल्लास शहर में छाने लगा है। गंगा के घाटों से गंगाजल [# दृष्टिहीन मुस्लिम ल़डकी को कंठस्थ है श्रीभागवत गीता] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
लेकर कांवड़िए शहर में आ रहे हैं। इनका जगह-जगह स्वागत सत्कार हो रहा है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा के घाट सोरों, बुलंदशहर, रामघाट, कछला, नरौरा से गंगाजल लेकर आते हैं। ये श्रद्धालु शहर के प्रमुख भूतेश्वर महादेव, रंगेश्वर मंदिर, गर्तेश्वर मंदिर, पिप्लेश्वर, गोकर्णनाथ, वृंदावन के गोपश्वर नाथ महादेव मंदिर सहित सभी शिवालयों पर जलाभिषेक करते हैं। इस दिन ओम नम: शिवाय के जाप के साथ रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व है।
पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया शिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल से शिवजी का अभिषेक विशिष्ट फलकारी है। इस दिन व्रत रखने से एक अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य अर्जित होता है।
सालों बाद शुक्रवार के दिन महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र, प्रदोष का व्रत, मकर में चंद्रमा के होने का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में शनि से प्रभावित लोगों के लिए भी इस दिन शिवजी का अभिषेक, पूजा अर्चना विशेष फलकारी रहेगा।
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