मुंबई। सोमवार को शुरू हुए महाराष्ट्र विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र में शिवसेना के विधायक विपक्ष की बेंचों पर बैठे। अल्पमत सरकार के मुखिया देवेंद्र फडणवीस बुधवार को बहुमत साबित करेंगे।
फडणवीस जब राज्यपाल के पास सरकार गठन का दावा पेश करने गए थे तब राज्यपाल ने उन्हें विश्वासमत हासिल करने के लिए कहा था।
भगवा रंग की पगडी पहने शिवसेना के सदस्य विधानसभा के अंदर एक समूह के रूप में आए और विपक्ष के लिए निर्धारित सीटों पर बैठ गए। 288 सदस्यीय सदन का दूसरा सबसे बडा दल होने के नाते उनके बैठने का इंतजाम वहां किया गया था।
महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार को समर्थन देने अथवा न देने पर कोई ठोस ऐलान करने से बच रही शिवसेना ने कड़ा फैसला लेते हुए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद पर अपना दावा ठोंक दिया है। पार्टी के विधायक दल के नेता चुने गए एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे।
पार्टी प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा कि हम विपक्ष में बैठेंगे। एकनाथ शिंदे नेता प्रतिपक्ष होंगे। चूंकि हम सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं इसलिए नेता प्रतिपक्ष का पद हमें दिया जाना चाहिए।
विधानसभा सचिव को शिवसेना की ओर से दी गई चिट्ठी में पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव दिया है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना, बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी चुनी गई है।
सोमवार को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने राजभवन में अस्थायी स्पीकर के तौर पर वरिष्ठ विधायक जीव पांडू गावित को शपथ दिलाई। इसके बाद गावित ने सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। यह प्रक्रिया कल भी जारी रहेगी।
12 नवंबर को सत्र का अंतिम दिन होगा और उस दिन स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है। शिवसेना की वरिष्ठ नेता नीलम गोरे ने विधानसभा में संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी फिलहाल भाजपा के साथ किसी बातचीत में शामिल नहीं है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह घोषणा की थी कि यदि भाजपा विश्वासमत हासिल करने के लिए राकांपा का समर्थन स्वीकार कर लेती है तो उनकी पार्टी विपक्ष में बैठेगी।
उद्धव ने अंतिम निर्णय लेने से पहले भाजपा को जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया है। शिवसेना के नेता दिवाकर राउते ने कहा कि मराठी माध्यम के स्कूलों में उर्दू भाषा को "बढावा दिए जाने" के मुद्दे पर शिवसेना के विधायक राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को हरे रंग की टोपी भेंट करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व शिक्षा मंत्री विनोद तावडे के लिए विधायक के रूप में आज पहला दिन था। इससे पहले ये विधानपरिषद के सदस्य रह चुके हैं। कुछ सदस्यों ने शपथ ग्रहण करने से पहले ईश्वर का नाम लिया तो वहीं एक सदस्य ने "जय विदर्भ" भी कहा। एक सदस्य ने शपथ लेते समय "नमो" भी कहा।
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