इलाहाबाद : पौराणिक कथाओ और करोड़ों लोगों की आस्था विश्वास की एक बार फिर विजय हुई । परंपरा के अनुसार गंगा की धारा परिवर्तित हो गई और गंगा पश्चिमवाहिनी होकर बहने लगी । गंगा धारा की दिशा बदलना माघ मेले में संतों और मेला प्रशासन के लिये बड़ी खुशखबरी है । गंगा के इसी रुख का महीनों से सबको इंतजार था। गंगा मइया ने आखिरकार सबकी पुकार सुन ली और भक्तों की इइच्छा के अअनुरूप अख्तियार कर लिया। मोक्षदायिनी मां गंगा अब धीरे-धीरे पश्चिमवाहिनी होने जायेगी ।
बल्कि मेले की व्यवस्था अब आसानी से चुस्त-दुरुस्त हो सकेगी । संत महात्माओ ने आज शंखनाद करते हुए पुष्प वर्षा दूध से पतित पावनी की पूजा की । पौराणिक मान्यता है कि माघ मेले मे पश्चिमवाहिनी गंगा का प्रवाह बेहद शुभ होता है।संतगण इसे धार्मिक तौर पर शुभ व अद्भुत संयोग मानते है। मेला प्रशासन के लिए भी यह रुख शुभदायी होता है। लोगों में विश्वास है कि पश्चिमवाहिनी गंगा विशेष फलदायी होती है ।
गंगा के प्रवाह मे इस परिवर्तन से महावीर पुल के पास होने वाला कटान थम गया है। अन्य स्थानो पर भी जो कटान चल रहा है, वह जल्द ही थम जाएगा।पश्चिमवाहिनी धारा से संगम नोज पर ही गंगा यमुना और गुप्त सरस्वती का मिलन होगा और इस जल से स्नान कर पुण्य की प्राप्ति होती है । फिलहाल अब अगले 10 दिनों में पीपा पुल , चकर्ड प्लेट व अन्य व्यवस्था तेजी के साथ मेला परिसर में दिखने लगेंगी ।
[@ खास खबर Exclusive: मुंबई को बना दिया सऊदी अरब]
कोर्ट ने दिया ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने को सील करने का आदेश, सीआरपीएफ तैनात
देश कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर चिंतित, आंसू गैस के गोले दागना गलत: केजरीवाल
ओवैसी और महबूबा मुफ्ती को फिर से पढ़ना चाहिए इतिहास - केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी
Daily Horoscope