जयपुर। मदरसा बोर्ड के शिक्षा सहयोगियों के लिए अच्छी खबर। वे नियमित होंगे, उनका मानदेय बढ़ेगा और इन तमाम कार्यवाहियों में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए जल्द ही मदरसा बोर्ड को संवेधानिक दर्जा दिया जाएगा। मदरसा बोर्ड की सोमवार को बोर्ड कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में इन सभी के प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर लिए गए और जल्द ही ये प्रस्ताव सरकार को भेजे जाएंगे। मदरसा बोर्ड चेयरमैन मेहरुन्निसा टांक ने बताया कि बोर्ड ने मदरसा शिक्षा में सामने आ रही परेशानियों का अध्ययन और शिक्षा सहयोगियों की ओर से की जा रही लगातार मांगों पर मंथन कर ये फैसले लिए्, ताकि मदरसा शिक्षा सुचारू रूप से चलने लगे। [@ नए नोटों के बारे में जानें अहम बातें, नोटबंदी से आपकी चिंता हो जायेगी दूर]
बैठक में टांक के अलावा बोर्ड सदस्य यूनुस चौपदार ,उस्मान खां चौहान, मुफ्ती मो. अमजद, , मोहम्मद सलीम सिलावट, आदिल जोइया, फैज खान, यासमीन खान, रूबी खान, सैयद अफसान चिश्ती, अब्दुल राशिद, रईसा जीलानी, यूनुस मोहम्मद मंसूरी मौजूद थे। सदस्यों ने जिला स्तर पर मदरसों का काम देख रहे जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों पर हज कमेटी, वक्फ बोर्ड, स्कॉलरशिप जैसे कामों की अधिकता को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्था करने का सुझाव दिया। बाद में इस बात पर फैसला लिया गया कि शिक्षा विभाग से कार्मिकों की प्रतिनियुक्ति कराई जाकर जिला स्तर पर संयोजक के पद पर मदरसों की मॉनिटरिंग, मानदेय इत्यादि की जिम्मेदारी दी जाए, ताकि उन पर अकेले मदरसों का काम रहे।
वैधानिक दर्जा मिलने पर नियमित होंगे शिक्षा सहयोगी
बैठक में बोर्ड को वैधानिक दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजे जाने पर सहमति बनी। चर्चा में आया कि बोर्ड में सभी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिन पर मूल विभाग में जाने का दबाव बना रहता है और वे स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाते हैं। वैधानिक दर्जा दिए जाने पर यह सभी कर्मचारी नियमित होंगे और शिक्षा सहयोगियों के नियमित किए जाने की राह आसान होगी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने अपने घोषणा पत्र पंजीकृत मदरसों में लगे शिक्षा सहयोगियों को नियमित किए जाने की घोषणा की थी।
ये भी लिए गए फैसले
- छठे चरण के पैराटीचर्स का मानदेय पहले से पांचवे चरण की भांति उन्हीं के बैंक खातों में दिया जाएगा।
- शिक्षा सहयोगियों का मानदेय 15 हजार प्रतिमाह किया जाऐ और वार्षिक वेतन वृद्धि 400 के स्थान पर 1000 रुपए की जाएगी।
- गृह जिला छोडक़र अन्यत्र जिलों में लगे और मदरसों के पंजीयन निरस्त होने पर बेरोजगार हुए शिक्षा सहयोगियों का समायोजन किया जाएगा।
- मदरसों में शैक्षणिक सत्र के लिए अलग शिविरा पंचांग लागू किया जाएगा, जिससे मदरसा कमेटी और शिक्षा सहयोगियों के बीच होने वाले विवादों से निजात मिल सके।
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