न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थल केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए
हैं। सिराजुद्दीन ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी पत्नी के साथ दोबारा रह सकने
के लिए पहले शरीयत परिषद की शरण में गया था, लेकिन उस पर तलाक देने के लिए
दबाव डाला गया। इसलिए उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
(आईएएनएस) [@ ... तो PM की कानपुर रैली से पहले यूपी के लिए भेजे 5000 करोड़ रुपये कैश?]
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