बीकानेर। साहित्य जीवन मूल्यों की स्थापना करते हुए सृष्टि का विकास और मनुष्य का उत्थान करता है। यह कहना है कवि-नाटककार अर्जुनदेव चारण का। चारण यहां साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी की तीन राजस्थानी पुस्तकों के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंनें कहा कि आशावादी का सृजन साधारण मनुष्य को असाधारण की ओर ले जाने वाला सृजन है। समाजसेवी रामकिशन आचार्य की अध्यक्षता तथा कहानीकार रामस्वरूप किसान के आतिथ्य में आयोजित लोकार्पण समारोह में आशावादी के राजस्थानी कहानी संग्रह ‘हेत रौ हेलो’, कविता संग्रह ‘एक पग आभै मायं’ तथा उपन्यास ‘भूत-भूत रौ गळो मोसै’ का लोकार्पण अतिथियों ने किया। समारोह के दौरान कहानीकार रामस्वरूप किसान ने कहा कि आशावादी अपनी रचनाओं के माध्यम से नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने का प्रेरक कार्य कर रहे हैं। अध्यक्षता करते हुए रामकिशन आचार्य ने कहा कि राजस्थानी साहित्य और भाषा के मान को कायम रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत धीरेंद्र आचार्य ने किया कवि राजेन्द्र जोशी ने आशावादी का सृजन परिचय प्रस्तुत किया। समारोह में कवि डॉ.नीरज दइया तथा डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कृतियों पर पत्रवाचन किया। इस मौके पर विद्यासागर आचार्य, पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा व आनंद वि.आचार्य को कृतियां भेंट की गई। समारोह में अतिथियों के साथ ही साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी का धरणीधर ट्रस्ट और विभिन्न संस्थाओं की ओर से सम्मान किया गया। समापन पर अनुराग हर्ष ने आभार जताया। समारोह में अनेक गणमान्यजन मौजूद थे। [@ जानिए कहां रहते थे अंतिम हिंदू सम्राट विक्रमादित्या, क्या है नाम..]
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