उदयपुर। लेकसिटी में दिवाली पर इस बार अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक प्रदूषण हुआ है, लेकिन राहत की बात यह है कि इस बार पिछले साल की तुलना में दिवाली को प्रदूषण कम हुआ है। इसके पीछे कई कारण रहे, जिनमें पटाखे कम चलाने, ईको-फे्रंडली पटाखे होने और आम शहरवासियों का जागरूक होना है। खास बात यह भी है कि जयपुर और जोधपुर के मुकाबले में भी यहां का वायु और ध्वनि प्रदूषण काफी कम है। राजस्थान के सभी बड़े शहरों के मुकाबले में यहां की आबोहवा को ज्यादा बेहतर और शुद्ध माना जा सकता है। जिससे इस शहर में रहने वाले लोग काफी प्रसन्न भी हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर से मिली जानकारी के अनुसार अन्य दिनों की अपेक्षा इस बार दिवाली पर शहर में सबसे अधिक वायु प्रदूषण टाउन हॉल क्षेत्र में हुआ। यहां पार्टीकुलेट मैटर 60 से बढक़र 204 माइक्रो ग्राम/क्यूबिक मीटर पहुंचा। टाउन हॉल क्षेत्र में दिवाली पर प्रदूषण सामान्य दिनों की तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. बी.आर. पंवार ने बताया कि लोगों में जागरुकता आने से इस बार पिछले साल की तुलना में दिवाली पर प्रदूषण कम हुआ। यह शहर के लिए अच्छा माना जा सकता है। कहा जा रहा है कि मादड़ी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां बंद होने से सामान्य दिनों की अपेक्षा प्रदूषण कम हुआ। वहीं, अम्बामाता रिहायशी क्षेत्र में प्रदूषण करीब तीन गुना बढ़ा है। फिर भी यह प्रदूषण दिवाली के दिन पिछले साल की तुलना में कम ही रहा। इसी तरह ध्वनि प्रदूषण सबसे अधिक सूरजपोल क्षेत्र में रहा। दिवाली के दिन 85.6 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण मापा गया। गैसों में भी दिवाली के दिन पटाखे चलने से बढ़ोतरी हुई, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मानक से इनका स्तर कम ही रहा।
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