समारोह में केंद्र के विषय में प्रो. सारस्वत ने संगोष्ठी की थीम उद्यमिता,
पर्यटन एवं पर्यावरण को भी विस्तारित करते हुए वर्तमान समय में इनकी
महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां न केवल
पशु-पक्षियों को बल्कि वनस्पति को भी पूजा जाता है। ऐसे देश में पर्यावरण
को सुरक्षित रखना हमारी आवश्यकता ही नहीं, जिम्मेदारी भी है। कुलपति प्रो.
कैलाश सोडानी ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में
आवश्कता है आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने की, ताकि विदेशी पर्यटकों को
आकर्षित कर पर्यटन को और अधिक विकसित किया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया
कि एक पर्यटक से कम से कम 15 लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। [@ अनोखी शादी: दूल्हा और दूल्हन क्रिकेट खेलकर शादी के बंधन में बंधे]
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