कोटा। सख्त कार्यशैली और
अपनी सरकार में रहने के बावजूद वाजिब बात को स्पष्ट कहने के लिए पहचाने
जाने वाले पूर्व मंत्री भरत सिंह इस बार भी चर्चा में हैं। कांग्रेस शासन
में पंचायतीराज और पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे भरत सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र में
पशुओं की खेल बनाने और आवारा मवेशियों के मुद्दों पर नाराजगी जताकर अपना
सिर मुंडवा लिया है। इसके अलावा भरत सिंह ने सांगोद विधायक पर भी अपने जाति
बंधुओं की बात मानकर काम में अनावश्यक रूप से अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया
है।
दरअसल सांगोद विधानसभा के कुंदनपुर गांव में पशुओं को पानी पीने के
लिए पंचायत द्वारा तीन खेलों का निर्माण करवाया जा रहा था, लेकिन एक
स्थानीय व्यक्ति के कहने पर सांगोद विधायक ने तीसरी खेल का निर्माण कार्य
रुकवा दिया। इस मामले की जांच में जिला कलेक्टर ने टिप्पणी की है कि जहां
खेल बन रही है, वहां पशुओं के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा है। इस बात को
लेकर भरत सिंह ने जिला कलेक्टर को उलाहना देते हुए कहा कि शहर में आवारा
मवेशियों की रोकथाम करने में तो प्रशासन नाकाम रहा है और ग्रामीण इलाकों
में उन्हें मवेशियों की चिंता सता रही है।
कलेक्टर द्वारा एक माह का समय
मांगने पर भरत सिंह ने कहा कि यदि एक माह में आवारा मवेशियों की समस्या हल
हो जाती है तो वे मुंडन करवाकर उन्हें धन्यवाद देंगे, लेकिन रोक नहीं लग
पाने पर कलेक्टर को मुंडन करवाना होगा। एक माह बीतने के बाद भरत सिंह ने
कहा कि कलेक्टर साहब तो आवारा मवेशियों पर रोक नहीं लगा पाए, लेकिन फिर भी
विरोधस्वरूप खुद मुंडन कराएंगे। इस मामले में सांगोद विधायक हीरालाल नागर
को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वे तो पैसा कमाने के लिए
राजनीति में आए हैं। उनके बारे में बात करना समय बेकार करने जैसा है।
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