मुंबई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर कब्जे के लिए राजनीतिक घमासान
जारी है। बीएमसी चुनावों में किसी एक पार्टी को बहुमत न मिलने के चलते अब
राजनीतिक पार्टियां जोर लगा रही है कि किसी भी तरह मेयर पद पर ताजपोशी करा
सकें। इन चुनावों में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उद्धव को
फिलहाल बीजेपी का साथ लेना मंजूर नहीं है और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन
देने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में रणनीति ऐसी बनाई जा
रही है कि एक-दूसरे का साथ न देकर भी कांग्रेस शिवसेना का मेयर बनवा दे। [ इस कुण्ड में नहाने से भागते हैं भूत!] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
सूत्र
बताते हैं कि बीएमसी का जो जनादेश मिला है उसके मुताबिक कांग्रेस,
समाजवादी पार्टी और एनसीपी मेयर पद के लिए अपना खुद का संयुक्त कैंडिडेट
खड़ा कर सकती हैं। ऐसे में मेयर पद के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में होंगे।
शिवसेना के पास 89 पार्षद हैं तो बीजेपी के पास 82 जबकि कांग्रेस के 31,
सपा के 3 और एनसीपी के 7 व कुछ अन्य पार्षद अलग से अपने कैंडिडेट को वोट
देंगे।
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