अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। अपनी जनसभाओं में खासी
भीड़ जुटाने का सामर्थ्य रखने की क्षमता की वजह से एक जमाने में उत्तर प्रदेश में
पार्टी के मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदारों में रहे सुलतानपुर से भारतीय जनता
पार्टी के सांसद वरुण फिरोज गांधी की राज्य विधानसभा के चुनाव प्रचार अभियान से
दूरी चर्चा का सबब बनी हुई है। समझा जाता है कि गांधी नेहरू के चश्मोचराग वरुण
गांधी ने पार्टी द्वारा की गई उपेक्षा से खिन्न होकर खुद को चुनाव प्रचार को अलग
रखा है जबकि अब उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में महज चार दिन और चुनाव प्रचार
होना है। [# ये हैं लोगों से 20 करोड़ से ज्यादा ठगने वाले बाप-बेटे ] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
वरुण गांधी की मां मेनका गांधी ने हालांकि अपने पीलीभीत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तथा
आसपास के इलाकों में दूसरे चरण में हुए मतदान के दौरान पार्टी के प्रत्याशियों के
समर्थन में प्रचार किया था। गौरतलब है कि सुलतानपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने
वाली पांच विधानसभा सीटों पर राज्य विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा जहां प्रचार का शोर शनिवार की शाम थम
जाएगा। लेकिन यहां पर वरूण गांधी अभी तक प्रचार के लिए नहीं आये।
भाजपा द्वारा जनवरी में सूबे में अपने प्रचार अभियान के लिए जारी स्टार प्रचारकों
की 40 दिग्गजों की पहली सूची में गांधी को स्थान नहीं दिए जाने से यह
कयास लगाए जाने लगे थे कि पार्टी में उनकी स्थिति पहले जैसी नहीं रही।
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