अमिताभ श्रीवास्तव, दिल्ली। क्या वाकई मुलायम सिंह यादव बुजुर्ग होने की वजह से यूपी और परिवार की राजनीति को नहीं समझ पा रहे हैं। क्या वो खुद अपने ही भंवरजाल में फंस गए हैं, जिस परिवार को उन्होंने इतना बढ़ाया और राजनीतिक मजबूती दी, वो बिखरने की कगार पर है, क्या भाई शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव की राहें अलग-अलग हो चुकी हैं, मीडिया में जिस तरह से पिछले डेढ़ महीने से खबरें चल रही हैं, क्या वो सही हैं।
खबरें तो यहां तक फैल चुकी हैं कि अखिलेश यादव पार्टी छोड़ सकते हैं, नई पार्टी बना सकते हैं, राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी नाम भी रख दिया गया है, मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह तय हो गया है। तीन नवंबर को इसका ऐलान भी हो सकता है। खबर ये भी फैली कि वो बीजेपी का साथ दे सकते हैं। रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव एकजुट हैं। यहां तक चर्चा जोर पकड़ी कि रामगोपाल यादव को पार्टी से हटाया जा सकता है।
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