बीकानेर। स्थानीय माखन भोग उत्सव कुंज में पं. आशाराम व्यास ने भागवत कथा के तहत कहा कि सकारात्मक ऊर्जा के लिए हमें नित्य पूजा पाठ व संध्या वंदन करना चाहिए। इससे सुबह आत्मबल में वृद्धि होती है। वर्तमान संदर्भ में वैवाहिक सात वचनों की प्रासंगिकता पर व्याख्यान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सप्तपदी यह बताती है कि आदमी को बलशाली यानि स्वस्थ होना चाहिए। परीक्षित प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि गलती करना मानवीय स्वभाव है तो, उसेस्वीकार करना व प्रायश्चित करना हमारा कर्तव्य है। श्रीराधाकृष्ण समिति के संयुक्त सचिव शिवशंकर सारस्वत ने बताया समिति की ओर से चरित्र निर्माण योजना के तहत दिनचर्या तालिका की जानकारी देने के साथ प्रतिमाह अमावस्या को पितृदोष निवारण हेतु हवन व ब्राह्मण भोजन का आयोजन कराया जाता है।
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