मंडी(बीरबल शर्मा)। रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार सुंदरनगर सिविल कोर्ट के न्यायधीश गौरव शर्मा को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। शुक्रवार को ही आरोपी जज गौरव शर्मा को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था और इस दिन ही गौरव शर्मा के अधिवक्ताओं ने अदालत में जमानत याचिका दायर कर दी थी। शनिवार की सुबह विशेष जज पुने राम पहाडिय़ा की अदालत में इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। इस मामले पर चली करीब आधा घंटे की बहस होने के बाद न्यायधीश पुने राम पहाडिय़ा ने मामले पर दोपहर बाद सुनवाई के आदेश दिए। दोहपर बाद न्यायधीश पुने राम पहाडिय़ा ने जज गौरव शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर एनएस चौहान ने बताया कि जज गौरव शर्मा को जमानत पर रिहा कर दिया गया है और अब विजिलेंस विभाग ऑर्डर कापी के बाद आगामी कार्रवाई पर विचार करेगा। गौर रहे कि विजिलेंस मंडी की टीम ने 31 जनवरी को सुंदरनगर की कोर्ट एक में कार्यरत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी(एसीजेएम) गौरव शर्मा को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। [@ Beas Tragedy : अब तक सबक नहीं सीख पाया Himachal] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
विजिलेंस ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। आरोप है कि गौरव ने एनआइ एक्ट (चेक बाउंस से संबंधित) के मामले को निपटाने की सूरत में सुंदरनगर के ही एक नामी सीड कंपनी के मालिक से 40 हजार रुपये की मांग की थी। इस एवज में विजिलेंस टीम के साथ जाल बिछा करके 31 जनवरी को रिश्वत के पैसे लेते ही विजिलेंस ने गौरव को उसी के ही आवास में पकड़ लिया।
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