जोधपुर। अपने विद्रोही अंदाज के लिए पहचाने जाने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की प्रो. निवेदिता मेनन ने यहां जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की कॉन्फ्रेंस में कई विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सेना के जवान देश सेवा के लिए नहीं, रोटी के लिए काम करते हैं। उन्हें सियाचीन में भेज कर क्यों मरवा रहे हैं। भारत माता की फोटो ये ही क्यों है। इसकी जगह दूसरी फोटो होनी चाहिए। भारत माता के हाथ में जो झंडा है, वह तिरंगा क्यों है। यह झंडा देश के आजाद होने के बाद का है, पहले ऐसा नहीं था। पहले इसमें चक्र नहीं था। मैं नहीं मानती इस भारत माता को। जब प्रो. मेनन ने बोलना शुरू किया तो वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। प्रो. मेनन यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने देश की सेना, व्यवस्था, और हिंदुत्व के विरोधी कई ऐसी बातें कह डाली जिससे माहौल गरमा गया। जेएनयू से आए अन्य वक्ता भी प्रो. मेनन के पक्ष में खड़े हो गए। इस पर वहां मौजूद इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर एन.के. चतुर्वेदी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आपने पानी पी-पी कर देश को बहुत कोस लिया, अब अपना भाषण समाप्त करें।’ बहस बढ़ती देख आयोजकों ने टी ब्रेक की घोषणा कर दी। बाद में आयोजक डॉ. राजश्री राणावत ने सिंडिकेट सदस्य प्रो. चंद्रशेखर चौधरी को सफाई दी कि प्रो. मेनन ने ऐसी स्पीच के बारे में पहले ऐसा कुछ नहीं बताया था। जब प्रो. मेनन मंच पर आईं तो उन्होंने खुद को ‘देशविरोधी’ बताते ही अपना परिचय दिया। इसके बाद कहा कि उन्होंने देश में बहुत हलचल मचा रखी है। प्रो. मेनन को कॉन्फ्रेंस में बतौर अतिथि आमंत्रित किया था। उन्होंने अपने विषय ‘हिस्ट्री रिकंस्ट्रक्ड थ्रू लिटरेचर’ पर स्लाइड के साथ स्पीच देना शुरू किया तो पीछे प्रोजेक्टर से देश का नक्शा उल्टा दिखाया जा रहा था। कुछ देर तो हॉल में मौजूद प्रतिभागियों ने सोचा कि शायद गलती से लग गया है लेकिन बाद में प्रो. मेनन ने कहा, कि मेरे तो विभाग में भी उलटा नक्शा लगा है। मुझे इस नक्शे में कोई भारत माता नजर नहीं आती है। रही बात नक्शे की, तो दुनिया गोल है और नक्शे को कैसे भी देखा जा सकता है। प्रो. मेनन ने कहा कि राष्ट्रगान के समय खड़े होने की सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग को मैं क्यूं मानूं। इस पर कॉन्फ्रेंस में मौजूद जेएनवीयू के इतिहास विभाग के पूर्व प्रोफेसर एन.के. चतुर्वेदी ने प्रो. मेनन से कहा कि आपने विषय पर न बोलकर सिर्फ देश विरोधी बातें की हैं। एक महिला होते हुए भी भारत माता को बेइज्जत कर रही हैं। यही सिखाया गया है, आपको। बता दें कि प्रो. मेनन जेएनयू में पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर है। वे विवादित बयान देकर अक्सर चर्चा में रही हंै।
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