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झेलम व चिनाब पर विद्युत उत्पादन में पिछडा भारत, नहीं बन पाई ठोस नीति

Jhelum and Chenab backward Indias electricity generation capacity, has not solid policy - Kullu News in Hindi

कुल्लू(धर्मचंद यादव)। पश्चिमी नदियों के दोहन को लेकर भारत पूरी तरह से पिछड गया है। हालांकि भारत ने पूर्वी नदियों के ड्डपर बडे-बडे बांध बनाकर विद्युत उत्पादन का पूर्ण रुप से दोहन कर लिया है मगर पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम व चिनाब का दोहन अभी तक नहीं कर पाया है और न ही अभी तक सरकार ने इस मसले पर कोई गम्भीरता दिखाई है। उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान के मध्य वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि के अनुसार पूर्वी नदियां भारत को तथा पश्चिमी नदियां पाकिस्तान को आबंटित की गई हैं। पश्चिमी नदियों से कुल 23 हजार मेगावाट (20 हजार जम्मू-कश्मीर व 3 हजार हिमाचल) विद्युत उत्पादन करने की क्षमता आंकी गई है। इनमें से भारत अब तक अढाई हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन जम्मू-कश्मीर में ही कर पाया है जबकि प्रदेश के जिला लाहुल-स्पीति से होकर जाने वाली चिनाब नदी में अभी तक कोई बडी परियोजना लगा पाने में सरकार सफल नहीं हो पाई है।
जानकारों की माने तो पश्चिमी नदियों को लेकर प्रदेश व देश की सरकारों का नजरिया निराशाजनक रहा है। उनकी माने तो संधि पत्र में सिंधु नदी की जल व्यवस्था एवं उपयोगिता को लेकर दोनों देशों के हक-हकूक एवं दायित्व निर्धारित किये गये हैं। गौरतलब है कि मार्च 2000 तक 99 बार संयुक्त निरीक्षण एवं मार्च 2001 तक 86 बाद इन्डंस कमीशन की बैठक आयोजित की जा चुकी है। उसके बाद बीते वर्ष दोनों देशों के वाटर कमीशनर भारत-पाकिस्तान के सीमांत क्षेत्र लाहुल-स्पीति का दौरा कर चुके हैं।
नंगल ब्यास परियोजना, इंदिरा गांधी नहर परियोजना तथा थीन बांध बनने के उपरांत पूर्वी नदियों में 3945 मेगावाट विद्युत दोहन करने में सफलता हासिल कर ली है जबकि 4144 मेगावाट की विद्युत परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। भारत सरकार अब तक जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में चिनाब पर उसकी सहायक नदियों के उपर जल संग्रहण के लिए एक बडी डैम नहीं लगा पाई है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने संधि के बाद युद्धस्तर पर प्राथमिकता के आधार पर 8 नए बांध, 4 पुराने बांधों का पुन: निमार्ण, 7 नई पारस्परिक नदी संपर्क नहर, 2 पुराने लिंक नहर का पुन: निर्माण कार्य सफलता पूर्वक कर लिया है।
दोनों देशों के वाटर कमिशनर कर चुके हैं दौरा
पाकिस्तान की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के कबायली जिला लाहुल-स्पीति से पाकिस्तान को जाने वाली चिनाब नदी पर हिमाचल सरकार द्वारा स्थापित की जाने वाली जल विद्युत परियोजनाओं के निरीक्षण को भारत व पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बीते वर्ष परियोजना स्थलों का दौरा कर चुका है। उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि के तहत सीमावर्ती नदी चिनाब की धरातल रिपोर्ट को जांचने के लिए भारत और पाकिस्तान के वाटर कमिशन के कमिशनर लाहुल का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों के वाटर कमिशन के कमिशनर द्वारा हिमाचल प्रदेश के लाहुल-स्पीति से पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदी चंद्रा और भागा (चिनाब) पर बनने वाली पन विद्युत परियोजनाओं की भी रिपोर्ट तैयार की जानी थी। इस टीम में दोनों देशों के वाटर कमिशन के कमिशनरों के साथ-साथ तीन-तीन और व्यक्ति शामिल थे लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

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Web Title-Jhelum and Chenab backward Indias electricity generation capacity, has not solid policy
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