चेन्नई। जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक में विरासत की जारी जंग के बीच
‘अम्मा’ जैसी दिखने वाली उनकी भतीजी दीपा जया कुमार ने राजनीति में कूदने
का फैसला किया है। अन्नाद्रमुक में बगावत के सुर को बढ़ावा देते हुए दीपा
ने दो टूक कहा है कि उन्हें पार्टी महासचिव के ओहदे पर शशिकला मंजूर नहीं
हैं। उनके मुताबिक, वह इस पद पर सिर्फ जयललिता या अन्नाद्रमुक के संस्थापक
एमजी रामचंद्रन को ही देख सकती हैं। बता दें कि पार्टी में शशिकला नटराजन
के खिलाफ लोगों की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में माना जा रहा है कि दीपा कुमार
शशिकला को टक्कर दे सकती हैं। [@ अनोखी शादी: दूल्हा और दूल्हन क्रिकेट खेलकर शादी के बंधन में बंधे]
दीपा ने घोषणा की है कि उनकी आगे की
रणनीति क्या होगी, इस पर वह जयललिता के जन्मदिन यानी 24 फरवरी को खुलासा
करेंगी। उन्होंने शशिकला के परिवार के दावों को भी झूठा बताया था जिसमें
कहा गया था कि जया शशिकला के बताए रास्ते पर चलती थीं। दीपा ने कहा कि
जयललिता हमेशा खुद फैसले लेती थीं। शशिकला के परिवार ने दावा किया था कि
जयललिता उनके बताए रास्ते पर चलती थीं। उन्होंने ही साल 2011 में जयललिता
को बचाया। बीजेपी से समर्थन मिलने की खबरों को खारिज करते हुए दीपा बोलीं,
मुझे बदनाम करने के लिए कई अफवाहें उड़ाई जा रही हैं, लोग सच्चाई नहीं
जानते हैं।’
बना सकती हैं नई पार्टी
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