चंडीगढ़। पिछले माह 29 से प्रारंभ हुआ जाट आरक्षण आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। जानकारी अनुसार आंदोलनकारियों व सरकार के मध्य शुक्रवार या शनिवार को वार्ता हो सकती है। माना जा रहा है कि सरकार ने धरनास्थलों पर वार्ता की शर्त को मान लिया है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी के नेतृत्व वाली कमेटी जाट आंदोलनकारियों के बीच जाकर वार्ता करने को तैयार है। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम उत्तर प्रदेश चुनावों को देखते हुए उठाया है। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे]
सरकार जाट आंदोलनकारियों की लगभग सभी मांगें मानने को तैयार है। वही जानकार बताते है कि मनोहर सरकार पर भाजपा हाईकमान का दबाव है जल्द से जल्द आंदोलन को खत्म किया जाए। जिससे कि उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को जाटों का वोट मिल सके। उधर, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने चंडीगढ़ में बातचीत करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
इसके बाद सरकार की ओर से यह पहल की गई है। लिहाजा माना जा रहा कि बातचीत रोहतक के जसिया में हो सकती है। कर्मचारियों के मसले सुलझाने में माहिर एक गैर जाट मंत्री ने दोनों पक्षों को नजदीक लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि सरकार ने सभी मंत्री फील्ड में उतार रखे हैैं और वे अपने-अपने ढंग से माहौल को अनुकूल करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
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