नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की देश में हाई स्पीड ट्रेन देने की योजना को लेकर जापान और चीन के बीच तगड़ी होड़ लगी हुई है। दोनों देश एशिया में अपने बढ़ते हुए प्रभाव और ताकत को दिखाने के लिए इसे बड़े अवसर के तौर पर देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तोक्यो में अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से मुलाकात की। ठीक एक साल पहले मुंबई और अहमदाबाद को जोडऩे के लिए देश की पहली हाई स्पीड रेल लाइन के लिए जापान को पार्टनर को तौर पर चुना गया था। करीब 980 अरब रुपये लागत वाली यह लाइन मोटे तौर पर पेरिस से लंदन की दूरी के बराबर है। आबे को उम्मीद है कि अगर भारत अन्य पांच प्रस्तावित लाइनों पर काम को आगे बढ़ाता है तो जापान चीन पर बाजी मार लेगा।
इकॉनमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, टेंपल यूनिवर्सिटी के जापान कैंपस में डायरेक्टर ऑफ एशियन स्टडीज जेफ किंग्सटन ने बताया, ‘चीन और जापान के बीच ‘रेल युद्ध’ इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने की होड़ है। एशिया में वर्चस्व उनके लिए अपने सामान बेचने और फायदा कमाने से ज्यादा अहमियत रखते हैं।’ उन्होंने बताया, ‘मोदी इस मौके का फायदा दोनों देशों को आपस में भिड़ाकर उठाएंगे। यह देखना होगा कि वह भारत के लिए क्या करते हैं लेकिन उनकी सरकार का झुकाव अमेरिका और जापान की तरफ ज्यादा दिख रहा है।’
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