नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय इस साल आम बजट को दो फरवरी या उससे पहले पेश
करना चाहती है। मंत्रालय ने गुरूवार को एक संसदीय समिति को इस प्रस्तावित
बदलाव और सरकार के रेल बजट को आम बजट में मिलाने के फैसले के बारे में
ब्योरा दिया।
सूत्रों ने कहा कि वित्त पर संसद की स्थायी समिति के सदस्यों को बजट में
किये जा रहे प्रस्तावित सुधारों की जानकारी देते हुए वित्त सचिव अशोक लवासा
ने विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। अभी तक आम बजट फरवरी महीने के आखिरी दिन
पेश करने की परंपरा रही है।
सूत्रों ने बताया कि लवासा ने सदस्यों को रेल बजट को आम बजट में मिलाने के
नफे-नुकसान के बारे में जानकारी दी।
कुछ सदस्यों ने रेलवे को उसके
सार्वजनिक उपRमों से मिले लाभांश के बारे में सवाल पूछे।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन 21 अक्तूबर को सीनियर कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली
की अगुवाई वाली समिति को विभिन्न चीजों की जानकारी देंगे। सूत्रों का कहना
है वित्त मंत्रालय आम बजट 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच पेश करना चाहता है,
जिससे पूरी प्रक्रिया को 31 मार्च तक संपन्न किया जा सके।
मंत्रालय ने कहा
कि बजट पेश करने की तारीख को पहले करना इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि
जीएसटी को नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल, 2017 से क्रियान्वित किया जाना है।
सरकार को संसद में बजट प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 8-9 सप्ताह का समय
चाहिए। सरकार की योजना बजट को 2 फरवरी तक पेश करने की है। इसके बाद 10
फरवरी से संसद में मध्यावकाश होगा और संसद की बैठक 10 मार्च के आसपास फिर
शुरू होगी। इसके बाद संसद के पास बजट और वित्त विधेयक पर विचार करने और
पारित करने के लिए वित्त वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च तक का समय होगा।
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