जयपुर। हाई कोर्ट ने सरकारी अफसर और कर्मचारियों को मिलने वाले एचआरए के मामले में निर्देश दिए हैं कि यदि सेवारत पति-पत्नी एक ही जगह पर पोस्टेड हैं तो उनमें से एक को ही (जिसका वेतन अधिक हो) एचआरए दिया जाए। अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि यह प्रावधान एक जनवरी 2017 से लागू किया जाए।
न्यायाधीश केएस झवेरी एवं दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश योगेश कुमार की जनहित याचिका पर दिया। अधिवक्ता सारांश सैनी ने बताया कि सेवारत पति-पत्नी की पोस्टिंग एक ही जगह पर है तो भी दोनों को एचआरए देने का नियम है, लेकिन ये प्रावधान गलत है क्योंकि दोनों को एचआरए देने पर वह भत्ता नहीं रह जाता, बल्कि लाभ हो जाता है। अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने केंद्र के नियम का हवाला दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर राज्य सरकार को एक जगह पोस्टिंग पर एक ही को एचआरए देने का निर्देश दिया।
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