जयपुर। हाईकोर्ट ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रचार-प्रसार करने वाली फर्म से डेढ़ करोड़ रुपए की रिश्वत मामले में आईएएस व तत्कालीन एनआरएचएम निदेशक नीरज के. पवन को जमानत दे दी। न्यायाधीश प्रशांत कुमार अग्रवाल ने नीरज को एक लाख रुपए के निजी मुचलके और 50-50 हजार रुपए की दो जमानतों पर रिहा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, प्रार्थी जेल में है और आवश्यक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई लंबित है। ऐसे में किसी अंतिम राय पर जाए बिना प्रार्थी को जमानत पर दिया जाना उचित होगा। नीरज ने जमानत अर्जी में कहा था कि वह लंबे समय से जेल में बंद है। मामले में चार्जशीट जुलाई 2016 में पेश हो गई थी और राज्य सरकार ने तीन जनवरी 17 को अभियोजन स्वीकृति दे दी थी, लेकिन केन्द्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। जमानत अर्जी के विरोध में एएजी अनुराग शर्मा ने कहा कि मामला भ्रष्टाचार के गंभीर अपराध से जुड़ा हुआ है। ऐसे मामले में जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर नीरज को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया। इस मामले में एसीबी ने नीरज को पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। एसीबी मामलों की कोर्ट (एक) ने 13 जुलाई 2016 को पवन की जमानत अर्जी खारिज की थी जबकि हाईकोर्ट ने भी 9 नवंबर 2016 को जमानत देने से इनकार कर दिया था। [@ इस पहाड़ से प्रकट हुई थी ज्वाला मां की स्वयंभू प्रतिमा] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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