कानपुर। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की
पुस्तक अग्नि की उड़ान से एक युवक को ऐसी प्रेरणा मिली कि स्मोक कंट्रोल मशीन बना
डाला। जिससे वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण से शहर की आबोहवा को बचाया जा सकता है।
ज़हरीले धुअें से अपने रिश्तेदार की मौत व अब्दुल कलाम की पुस्तकें हरेन्द्र वर्मा
को इस कदर प्रभावित कर दिया कि वह धुअें को ही खत्म करने की ठान ली।
दो साल की कड़ी मेहनत के बाद उसने स्मोक कंट्रोल
मशीन बना डाली। उसका दावा है कि यह मशीन धुएं को फिल्टर करती है और धुएं में होने
वाले कार्बन समेत अन्य तत्वों को जमीन में ही गिरा देती है। यदि ऐसी मशीनों को
वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों, चिमनी, प्लांटों,
कारखानों
आदि धुआं निकलने वाले स्थानों में लगाया जाए तो देश को वायु प्रदूषण मुक्त बनाए
जाने का प्रयास किया जा सकता है।
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