चूरू। मानव संस्कृति के सामने सबसे बडी चुनौती है बिगड़ता हुआ पर्यावरण, जिसका ही परिणाम प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आता है। राजस्थान में सिर्फ 4.6 फीसदी जंगल बचे हैं, जो काफी चिन्ताजनक स्थिति है। राजस्थान वह धरा है जहां खेजडी के वृक्षों को बचाने के लिए 76 लोगों ने बलिदान दिया था, लेकिन अगर बात चूरू जिलामुख्यालय की करें तो यहां रसुखदार दबंगों द्वारा नियम कानून ताक पर रखकर खेजडी के दुर्लभ हरे भरे पेडों को जेसीबी से धराशायी करवाया जा रहा है। केवल खेजडी ही नहीं विलुप्त होते गुंदी और सीरस प्रजाति के उन वृक्षों को भी जड से उखाड दिया गया है जिन्हे संरक्षित प्रजाति घोषित किया जा चुका है। यहां तकरीबन दो दर्जन से अधिक हरेभरे वृक्षों को धराशायी कर दिया गया। इस कार्य के लिए दबंगों द्वारा न एसडीएम से, ना वन विभाग से अनुमति ली और न ही नगरपरिषद व वन सुरक्षा समिति से अनुमति लेने को जरूरी समझी।
वृक्षारोपण को लेकर जहां सरकार अरबो रूपये खर्च कर रही है वही कुछ लोभी व्यक्ति सभी कायदे कानूनो को ताक पर रख अपने निजी फायदे के लिये हरे-भरे पेडो की कटाई कर रहे है। कुछ ऐसा ही मामला चूरू शहर के शिव कॉलोनी मे देखने को मिला जंहा छुट्टी का दिन होने के कारण चोरी से मन्दिर परिसर के पीछे खाली पडी जमीन मे लगे दर्जनों पूराने हरेभरे वृक्षों को जेसीबी से धराशायी किया गया। मामले की गम्भीरता को देखते हुऐ आस-पास मे रहने वाले लोगों ने मीडियाकर्मीयों को फोन कर दिया। पेड़ उखडवा रहे लोगों ने जैसे ही मीडियाकर्मी को देखा तुरंत पेड़ उखाडना बन्द करवा दिया। लेकिन सबसे बडी बात जो सामने आई वो यह थी कि इस दौरान काफी संख्या मे पेडो को जड से जेसीबी से उखाड दिया गया था। मीडियाकर्मी के आने के बाद पुलिस थाने मे फोन किया गया। सदर थाना पुलिस मौके पर भी पहुंची लेकिन बिना कोई कार्यवाही किये उलटे पैर वापस लौट गयी। [@ खास खबर EXCLUSIVE: समाजवादी पार्टी की टाइमलाइन, कब और कैसे हुआ विवाद ?]
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