नई दिल्ली। भारत के पडोसी और विश्वसनीय साथी नेपाल और चीन की बढती दोस्ती से भारत चिंतित है। दरअसल चीन ने नेपाल में विदेशी निवेश के मामले में फिर सबको पीछे छोड दिया है। नेपाल सरकार ने जो आंकडे जारी किए हैं उनके मुताबिक इस वित्त वर्ष के पहले आधे हिस्से में नेपाल में होने वाले कुल एफडीआई में चीन का हिस्सा 68 प्रतिशत रहा।
जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आकंडा 40 प्रतिशत था। नेपाल के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री के अनुसार चीन ने इस वित्त वर्ष के पहले आधे हिस्से में 51 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। करीब 344 करोड़ रुपये का निवेश कर चीन ने नेपाल में सबसे अधिक विदेशी निवेश करने वाले देश के रूप में अपनी जगह बना ली है।
वहीं चीन की एक न्जूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक वर्ष 2015-16 में जब काठमांडू भारत की तरफ से लगाई गई ‘नाकेबंदी’ से गुजर रहा था तब पेइचिंग ने 59 मिलियन का निवेश किया था। जिसे इस वित्त वर्ष के आधे हिस्से में ही पा लिया गया है। वहीं नेपाल में निवेश करने के मामले में भारत तीसरे नंबर पर रहा है।
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