नई दिल्ली। भारत एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करने वाले अपने
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 का परीक्षण करने की
तैयारी में लगा हुआ है। करीब दो साल बाद होने जा रहे टेस्ट के लिए
तैयारियां आखिरी चरण में हैं। लॉन्च ओडिशा के व्हीलर आइलैंड से किया जाएगा।
इस मिसाइल के दायरे में पूरा चीन होगा, जिसकी वजह से इस टेस्ट को रणनीतिक
तौर पर बेहद अहम माना जा रहा है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि लॉन्च की
तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। न्यूक्लियर वॉरहेड ढोने में सक्षम इस
मिसाइल का टेस्ट दिसंबर के आखिर में या जनवरी की शुरुआत में मुमकिन है। इस
मिसाइल को लॉन्चर ट्रक पर रखे कनस्तर से भी छोड़ा जा सकता है। सूत्रों ने
बताया, ‘आखिरी बार किए गए टेस्ट के वक्त अग्नि-5 में कुछ हल्की तकनीकी
खामियां नजर आई थीं। इसके बाद, मिसाइल की बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को
दुरुस्त किया गया है।’
रेंज में चीन के सुदूर उत्तरी इलाके भी
जल्द
होने वाला यह टेस्ट अग्नि-5 का चौथा टेस्ट होगा। इसका पहला टेस्ट अप्रैल
2012, दूसरा सितंबर 2013 और तीसरा जनवरी 2013 में हुआ। यह मिसाइल चीन के
सुदूर उत्तरी इलाकों को भी निशाना बनाने में सक्षम है। सूत्र ने बताया, ‘यह
अग्नि-5 मिसाइल का फाइनल टेस्ट हेागा, जिसमें इसके फुल रेंज को परखा
जाएगा। इसके बाद ही स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) की तरफ से इसका
प्रायोगिक परीक्षण शुरू किया जाएगा।’ मिसाइल को सेना में शामिल करने के लिए
उत्पादन शुरू करने से पहले एसएफसी कम से कम दो टेस्ट करेगी। बता दें कि
एसएफसी तीनों सेनाओं का संयुक्त कमांड है, जिसकी स्थापना 2003 में हुई थी।
इसका काम भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे की देखरेख करना है।
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