सत्ता से बेदखल किए गए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के
वापस लौटने के फैसले पर उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने का मालदीव सरकार
का फैसला सत्तारूढ़ अब्दुल्ला यामीन की सरकार की चिंताओं की तरफ इशारा
करता है। 2012 में नशीद को जब अचानक सत्ता से हटाया गया था तब, भारत बैकफुट
पर चला गया था। उस दौरान इस छोटे से द्वीपीय देश में चीन के आगे बढऩे का
रास्ता साफ हो गया था। नशीद के पतन और उनकी गिरफ्तारी में उनके द्वारा
जल्दबाजी में उठाए गए कुछ कदमों ने भी काफी योगदान दिया। हालांकि, इलाज के
लिए उनके ब्रिटेन चले जाने और वहां शरण लेने के बाद अब श्रीलंका लौटने के
उनके फैसले ने राजनीति में नए बदलाव की जमीन तैयार की है। नशीद के कदमों को
भारत ने समर्थन दिया है और अब दबाव यामीन के ऊपर है।
भारत चाहता है नशीद को मिले मौका
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 11 बजे तक 22.51% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope